तत् त्वम् असि
हर से हर जड़ा है, हर में हर
घुला है
हर से हर विकार, तो देख हर
कितना हरा है
दिल से दिल जुड़े है, दिल में
दिल मिले है
दिलों में हो दुआ
तो, दिल सारे खिलें है
ये तेरा साया है, ये मेरा
साया है,
जब सायों ने हाथ है पकड़ें, तो हम तुम क्यूँ जुदा है
परछाइयों को देखो, तो हम तुम
कहाँ भिन्न है
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