MARG







मार्ग बना लूंगा 

रोके प्रकृति, रोके विधाता, चाहे रोके संसार
चीर सारी बाधाए, मार्ग में बना लूँगा

पत्थरों के बीच, इश्वर सी छुपी हरियाली ढूंढ
तुलसी के विजयरथ पर चढ, हाँ, मार्ग में बना लूंगा

जोर लगा ले धन का, मद का और बल का,
  राम की विनय से, और अर्जुन के गांडीव से, मार्ग में बना लूँगा


छीन ले तन, वचन, और लूट ले मान,
सत्कर्म से न डिगुंगा, अटल सद्मार्ग में बना दूँगा   

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